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मैं फँस गया हूँ / अश्वघोष

11 bytes removed, 06:15, 3 जनवरी 2010
|संग्रह=जेबों में डर / अश्वघोष
}}
[[Category:गज़ल]]{{KKCatGhazal}}
<poem>
मैं फँस गया हूँ अबके ऐसे बबाल में
फँसती है जैसे मछली, कछुए के जाल में।
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