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एक छूटा हुआ शे'र जोड़ दिया
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा<br><br>
क़ातिल के तरफ़दार का कहना है कि उसने<br>
मक़तूल की गर्दन पे कभी सर नहीं देखा<br><br>
रचनाकाल - 1978
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