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{{KKParichay
|चित्र=Tara.jpg
|नाम=डा० (श्रीमती) तारा सिंह
|जन्म=10 अक्तूबर 1952
|जन्मस्थान=भारत
|कृतियाँ=एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर, अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख, यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु है प्रिये, तम की धार पर डोलती जगती की नौका,विषाद नदी से उठ रही ध्वनि,नदिया-स्नेह बूँद सिकता बनती,नगमें हैं मेरे दिल के,यह जग केवल स्वप्न आसार |विविध=फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत, सहयोगी काव्य - संकलन प्रकाशित -- 35, जीवन वृत् प्रकाशित-- एफ्रो एशियन हूज हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित।
|जीवनी=[[तारा सिंह / परिचय]]
}}