भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनीषा पांडेय|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
पुराने छोटे पड़ गए कपड़ों की तरह
 
बंद कर किसी जंग खाए संदूक में
 
पुरानी यादों को
 
कहीं दूर छोड़ आऊँ
 
इतनी दूर
 
कि पहचानकर मेरा संदूक
 
कोई वापस न छोड़ जाए मेरे दरवाज़े
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits