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चौपाल

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'''KIRPYA DHIYAN DIJIYE'''
 
---------HINDI ki kavita Hindi main-------------------------
Kavita Kosh per upstith meri sabhi bhagini, bhatra gan, agraj ,anuj, Hindi kavye ki is Nirmal ganga jal ke sabhi pyaso ko mere namaskar.
AAp sabhi se ek kavita doond ne ke liye prathna karta hoon jo mainne bahut pahele suni thi jiska vsora nimn hain:
------------------------ Kavita puri trah se HINDI BHAShA ke liye thi jo sambhavthe uska shirshak bhi hain.kavita main HINDI BHASHA ki bahut badai ki gaye thi.
Kuch line jo mujhko yad hain,usme ye line repeat hoti hain-----"HINDI KE HINDOLE MAIN ZARA TOH
 
BAAITH JAYYE,HINDI KE HINDOLE MAIN ZARA TOH BAAITH JAYYE"-------
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kirpya mujhko is kavita ke bare main samast jankari uplabdh karaaye.
dhanya Vad.
Alock
 
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== सीधे अनूदित और अंग्रेज़ी से अनूदित ==
'''==लाइन के शुरू में स्पेस'''==
जब लाइन के शुरु में स्पेस देते हैं तो वह सही ढंग से दिखाई नहीं देता. इसे किस तरह लिखना चाहिए कि सही तरह से दिखाई दे?
 लाईन में आपको ब्रेक देने की ज़रुरत नहीं हैइसकी जगह आप <poem> टेग का इस्तेमाल करें| यह टेग शुरू और अंत में डाला जाता है| शुरू में <poem> और अंत में </poem>| यह उपयोग करने में आसान भी है तथा बेहतर तरीके से फोर्मेटिंग भी करता है| इसे कैसे उपयोग करना है यह आप इस पन्ने पर देख सकते है|  http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE_/_%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%A6_%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A5%88%E0%A4%A6%E0%A5%80&action=edit एक और बात -आपको अपने बनाये पन्नो पर हेडर भी डालना चाहिए| यह पन्ने के शुरू में कुछ इस प्रकार आता है -  { { K K G l o b a l } } <br>{ { K K R a c h n a <br>| र च ना का र = ह रि वं श रा य ब च्च न <br>| सं ग्र ह = नि शा नि म न्त्र ण / ह रि वं श रा य ब च्च न <br>} } <br> [[सदस्य:Mukesh JainPratishtha|Mukesh JainPratishtha]] 1516:5436, 28 जनवरी 3 फरवरी 2010 (UTC)Pratishtha
==स्किन==