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अनायास ही / कुमार सुरेश

46 bytes removed, 05:05, 10 फ़रवरी 2010
<poem>रचना यहाँ टाइप करें</poem>== अनायास ही
== अनायास ही == <poem>हम अनचाहा गर्भ नहीं थे
हत्या कर नाली में बहाया नहीं गया
माँ की छाती में हमारा पेट भरने के लिए दूध था
क्योकि अनायास ही जहा मौजूद थे
वह सही वक्त और सही जगह थी
गलत वक्त गलत जगह पर कभी नहीं थे हम</poem>
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