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अपनी धुन में रहता हूँ, मैं भी तेरे जैसा हूँ
अपनी धुन में रहता हूँ <br>ओ पिछली रुत के साथी, अब के बरस मैं भी तेरे जैसा तन्हा हूँ <br><br>
ओ पिछली रुत तेरी गली में सारा दिन, दुख के साथी <br>अब के बरस मैं तन्हा कंकर चुनता हूँ <br><br>
तेरी गली में सारा दिन <br>दुख के कंकर चुनता मुझ से आँख मिलाये कौन, मैं तेरा आईना हूँ <br><br>
मुझ से आँख मिलाये मेरा दिया जलाये कौन<br>, मैं तेरा आईना ख़ाली कमरा हूँ<br><br>
मेरा दिया जलाये कौन<br>तू जीवन की भरी गली, मैं तेरा ख़ाली कमरा जंगल का रस्ता हूँ<br><br>
तू जीवन की भरी गली<br>मैं जंगल का रस्ता अपनी लहर है अपना रोग, दरिया हूँ और प्यासा हूँ<br><br>
अपनी लहर है अपना रोग <br>दरिया हूँ और प्यासा हूँ <br><br> आती रुत मुझे रोयेगी <br>, जाती रुत का झोंका हूँ <br><br/poem>