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[[Category:ग़ज़ल]]
है यह वो लफ़्ज़ कि शर्मिन्दा-ए-माअ़नी<ref>सार्थक</ref> न हुआ
नातवानी<ref>दुर्बलता</ref> से हरीफ़<ref>विरोधी</ref>-ए-दम-ए-ईसा<ref>ईसा के मंत्र</ref> न हुआ</poem>
{{KKMeaning}}
:अर्थ