भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=}}{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं आ गया था किसी बीहड़ वन में
किसी निर्जन घाटी में चल रहा था
आओ तुम्हारा स्वागत है।
'''रचनाकाल''' : 2009, खुशी के पहले जन्मदिन पर
</Poem>