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|रचनाकार= ग़ालिब
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
जिस जा<ref>जगह</ref> नसीम<ref>बसंत</ref> शाना-कश-ए ज़ुल्फ़-ए-यार<ref>प्रेमी के बालों में कंघी फेरना</ref> है
नाफ़ा दिमाग़-ए आहू-ए दश्त-ए ततार है<ref>ततार के रेगिस्तान के हिरन का दिमाग़ कस्तूरी जैसा है</ref>

किस का सुराग़ जल्वा है हैरत को, ऐ ख़ुदा
आईना फ़रश-ए<ref>गलीचा</ref> शश-जिहत-ए<ref>छह दिशाएं</ref> इन्तिज़ार है

है ज़र्रा-ज़र्रा तंगी-ए जा से ग़ुबार-ए शौक़
गर दाम यह है, वुस`अत-ए<ref>फैलाव</ref> सहरा शिकार है

दिल मुद्द`ई-ओ-दीदा<ref>प्रतिवादी की नज़र</ref>, बना मुद्द`आ अ़ली<ref>अभियोगी</ref>
नज़्ज़ारे का मुक़द्दमा फिर रूबकार<ref>सुना जा रहा</ref> है

छिड़के है शबनम आइना-ए-बरग-ए गुल<ref>गुलाब-पंखुड़ी का शीशा</ref> पर आब<ref>पानी</ref>
ऐ अ़ंदलीब<ref>बुलबुल</ref> वक़्त-ए विदाअ़-ए-बहार है

पच<ref>बंध जाना</ref> आ पड़ी है वादा-ए दिलदार की मुझे
वह आए या न आए पे यां इंतज़ार है

बे-परदा सू-ए-वादी-ए-मजनूं<ref>मजनूं की घाटी</ref> गुज़र न कर
हर ज़र्रे के नक़ाब में दिल बे-क़रार है

ऐ अ़ंदलीब, यक<ref>एक</ref> कफ़-ए ख़स<ref>मुठ्ठी भर तिनके</ref> बहर-ए आशियां<ref>घौंसले के लिए</ref>
तूफ़ान-ए आमद-आमद-ए फ़सल-ए बहार है<ref>बसंत का ज़ोर-शोर से आने की तैयारी</ref>

दिल मत गंवा, ख़बर न सही सैर ही सही
ऐ बे-दिमाग़, आईना तिम्साल-दार<ref>प्रतिबिम्ब दिखाने वाला</ref> है

ग़फ़लत<ref>असावधानी</ref> कफ़ील-ए उ़मर-ओ<ref>उम्र भर की सुरक्षा</ref>-'असद' ज़ामिन-ए-निशात<ref>खुशी का उत्तरदायी</ref>
ऐ मर्ग-ए-नागहां<ref>आकस्मिक</ref>, तुझे क्या इंतज़ार है
</poem>
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