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|रचनाकार=ग़ालिब|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाये है
मैं उसे देखूँ, भला कब मुझसे देखा जाये है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाये हाथ धो दिल से यही गर्मी गर अंदेशे में हैआबगीना<brref>मैं उसे देखूँ भला कब मुझसे देखा जाये हैशीशे का पात्र<br/ref>तुंदी-ए-सहबा<brref>शराब की गर्मी</ref> से पिघला जाये है
हाथ धो दिल से यही गर्मी गर अंदेशे में है<br>आबगीना तुंदीग़ैर को या रब ! वो क्यों कर मना-ए-सहबा से पिघला गुस्ताख़ी करेगर हया भी उसको आती है, तो शर्मा जाये है<br><br>
ग़ैर शौक़ को यारब वो क्यों कर मना-ए-गुस्ताख़ी करेये लत, कि हरदम नाला ख़ींचे जाइए<brref>रोते रहना</ref>गर हया भी उसको आती है तो शर्मा दिल कि वो हालत, कि दम लेने से घबरा जाये है<br><br>
शौक़ को ये लत के हरदम नाला ख़ेंचे जाईयेदूर चश्म-ए-बद<brref>दिल कि वो हालत कि दम लेने से घबरा जाये हैबुरी नजर<br/ref>! तेरी बज़्म-ए-तरब<brref>संगीत की महफिल</ref> से वाह, वाहनग़्मा हो जाता है वां गर नाला मेरा जाये है
दूर चश्मगर्चे है तर्ज़-ए-बद तेरी बज़्मतग़ाफ़ुल<ref>अंजान रहने का तरीका</ref>, पर्दादार-ए-तरब से वाह वाहराज़-ए-इश्क़<brref>प्यार के राज़ को छुपाना</ref>नग़्मा हो जाता है वाँ गर नाला मेरा पर हम ऐसे खोये जाते हैं कि वो पा जाये है<br><br>
गर्चे है तर्ज़उसकी बज़्म-आराइयां<ref>महफिल की कहानियां</ref> सुनकर दिल-ए-तग़ाफ़ुल पर्दादाररंजूर<ref>पीड़ित दिल</ref> यांमिस्ल-ए-राज़नक़्श-ए-इश्क़मुद्दआ-ए-ग़ैर<brref>पर हम ऐसे खोये जाते हैं कि वो पा जाये हैप्रतिद्वन्द्वी के प्रेम की छाप के समान<br><br/ref>बैठा जाये है
उसकी बज़्माराईयाँ सुनकर दिल-ए-रंजूर याँ<br>होके आशिक़, वो परीरुख़ और नाज़ुक बन गयामिस्ल-ए-नक़्श-ए-मुद्दआ-ए-ग़ैर बैठा रंग खुलता जाये है, जितना कि उड़ता जाये है<br><br>
होके आशिक़ वो परीरुख़ और नाज़ुक बन गयानक़्श<brref>रंग खुलता जाये है जितना कि उड़ता जाये हैचित्र<br/ref>को उसके मुसव्विर<brref>चित्रकार</ref> पर भी क्या-क्या नाज़ हैखींचता है जिस क़दर, उतना ही खिंचता जाये है
नक़्श को उसके मुसव्विर पर भी क्या क्या नाज़ है<br>खेंचता है जिस क़दर उतना ही खिंचता जाये है<br><br> साया मेरा मुझसे मिस्ल-ए-दूद <ref>धुएं के समान</ref> भागे है 'असद'<br>पास मुझ आतिश -जाँ बज़ां<ref>क्रोधी आत्मा</ref> के किस से ठहरा जाये है <br><br/poem>{{KKMeaning}}
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