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Kavita Kosh से
और वह;
आकाश,धूप, अकेली चिड़िया
और वह;
सुनसान,दस्तक, डर, पदचाप
और वह;
ओझल अदृश्य दूर नीरव
वह;
वही वही वही वही और
वह।
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