भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
}}
[[Category:असमिया भाषा]]
<poem>
क्षण-क्षण करते हुए
क्षण का विश्लेषण
क्षण होता ध्यानमग्न
मग्न ज्योति की बेडियां बेड़ियां तोड़कर
चमकता स्फुर्लिंग
वहीं तुमसे मिला
</poem>