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Kavita Kosh से
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बीमार को मरज़ मर्ज़ की दवा देनी चाहिए मैं वो पीना चाहता हूँ है पिला देनी चाहिए
अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ में
मैं नीद हूँ तो नींद उड़ा देनी चाहिए
मैं जब्र हूँ तो जब्र की ताईद बंद, हो
मैं सब्र हूँ तो मुझ को दुआ देनी चाहिए
मैं ताज हूँ तो ताज को सर पे सजायें लोग
मैं ख़ाक हूँ तो ख़ाक उड़ा देनी चाहिए
मैं कह रहा हूँ मुझको सजा देनी चाहिए
सौदा यही पे होता है हिन्दोस्तान का संसद भवन में आग लगा देनी चाहिए
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