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बया हमारी चिडिया चिड़िया रानी।
फिर जब उनके पर निकलेंगे,
हम सब तेरे पास रहेंगे
तू रोना मत चिडिया चिड़िया रानी।
बया हमारी चिडिया चिड़िया रानी।
-प्रथम आयाम
इन्दौर की छावनी में बया ही उनकी चिडिया चिड़िया और उसका घोंसला ही उनके लिए कला प्रदर्शनी था। वे यह जान चुकी थीं कि उसके अंडे से बच्चे निकलेंगे, फिर जब उनके पंख निकल आयेंगे वे बया बन कर उड उड़ जायेंगे। वह अकेली होकर न रोये, यह उनकी चिन्ता थी। यह महादेवी जी के बचपन की रचना है।
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