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बया / महादेवी वर्मा

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'''बया हमारी चिड़िया रानी।'''
बया हमारी चिड़िया रानी।
-प्रथम आयाम
''प्रथम आयाम नामक संकलन से''
''इन्दौर की छावनी में बया ही महादेवी जी की चिड़िया और उसका घोंसला ही उनके लिए कला प्रदर्शनी था। वे यह जान चुकी थीं कि उसके अंडे से बच्चे निकलेंगे, फिर जब उनके पंख निकल आयेंगे वे बया बन कर उड़ जायेंगे। वह अकेली होकर न रोये, यह उनकी चिन्ता थी। यह महादेवी जी के बचपन की रचना है।''