भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छलावा

1,092 bytes added, 08:29, 2 मई 2010
नया पृष्ठ: आप अकेले हैं और भीड जुटानी हैं दाने फेंक दो मुर्गियों की भीड आपके…


आप अकेले हैं
और भीड जुटानी हैं
दाने फेंक दो
मुर्गियों की भीड
आपके दरवाजे पर हाजिर होगी।
मालूम नहीं दुनिया का दस्तुर
दाने फेंकना कला है
या दाने चुगना कला हैं,
यह मत सोचों दाने किसके हैं?
चुगनेवाले कौन है?
या आँगन किसका है?
इश्तहार की दुनिया में
बाजार लगा है बिकनेवालों का,
कितनी मुर्गियाँ
कौनसे आँगन में किसके दाने चुग रही हैं?
वैसे दाने और मुर्गी की
उमर बहुत छोटी हैं
छलावा एक कला है,
छल करनेवालों की उमर बहुत लंबी होती हैं।
10
edits