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Kavita Kosh से
# [[मत मर्दुमक-ए-दीदा में समझो ये निगाहें / ग़ालिब]]
# [[इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं / ग़ालिब]]
# [[जहाँ जहां तेरा नक़्शे -क़दम / ग़ालिब]]
# [[मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तिहाब में / ग़ालिब]]
# [[कल के लिए आज कर न ख़िस्सत शराब में / ग़ालिब]]