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Kavita Kosh से
बच्चे तुम अपने घर जाओ
घर कहीं नहीं है
तो वापस कोख में जाओ,
माँ कहीं नहीं है
पिता के वीर्य में जाओ,
पिता कहीं नहीं है
तो माँ के गर्भ में जाओ,
गर्भ का अण्डा बंजर
तो मुन्ना झर जाओ तुम