भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सवाल / मुकेश मानस

181 bytes added, 06:14, 6 जून 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna|रचनाकार=मुकेश मानस|संग्रह=पतंग और चरखड़ी / मुकेश मानस }} {{KKCatKavita}}
<poem>
सवाल
 
एक सवाल है
जो रोज रोज़ मुझसे मिलता हैकोई खुशी ख़ुशी नहीं होती
मुझे उससे मिलकर
मुझे खोज लेता है
जैसे कि वह मेरे भीतर हो
या जैसे कि ‘वह’ मैं खुद हूंख़ुद हूँ
आंखों आँखों में आँखें डालकर
बस यही पूछता है
जीवन ऐसा क्यों मिला
जीते हुए जिसे
हर पल होता रहे गिला
 रचनाकाल : 1998
<POem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits