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'''1'''
तीन साल की पूजा
पूजा को सुननी है
'''2'''
गुब्बारे वाला पीपनी बजा रहा है
पूजा सुन रही है
हवा में फैलती धुन
एक अदभुत खुशी ख़ुशी चमक रही है
उसके चेहरे पर
पूजा की ये खुशीख़ुशी
उसके लिए
कितनी बड़ी है
इस खुशी ख़ुशी का एहसास
बड़े नहीं कर पाते हैं
वे बच्चे नहीं बन पाते हैं
'''3'''
पूजा गुब्बारा हिलाती है
गिराती, उछालती है
गुब्बारा फूटता है अचानक
पूजा सहमती है, सोचती है
उसकी नन्हीं आंखों आँखों में
विस्मय उभर आता है
जीवित रहे हमेशा
एक नन्हीं, शरारती पूजा
रचनाकाल : 1999 अपूर्वा के तीसरे जन्मदिन पर
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