भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: गंध परिसर यह जो गंध है समय की तितली है जो त्रिकाल मार्गों से उड़त…


गंध परिसर

यह जो गंध है
समय की तितली है
जो त्रिकाल मार्गों से उड़ती हुई
युग-पौधों पर खिले
अनगिनत शताब्दी-पुष्पों से
मीठी-कड़वी घटनाओं का
रस चूसती हुई
इतिहास-उपवन में
असीम जीवन को गुलजार करती है
और पुराण-पात्रों में रस सहेजकर
ज्ञानेन्द्रियाँ तुष्ट करती है.