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हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया
हमपर हम पर किसी ख़ुदा की इनायत नहीं रही
कुछ दोस्तों से वैसे मरासिम नहीं रहे
कुछ दुशमनों दुश्मनों से वैसी अदावत नहीं रही
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