भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हाइकु / कमलेश भट्ट 'कमल'

4 bytes removed, 13:40, 9 जून 2010
निकली नहीं कन्जूस बादलों से एक भी बून्द, बूँद
तरस गये पहचान को खुद सावन-भादौ में।