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*[[पाँवों में जंजीर, दौड़ की इच्छा मन भर दी / ललित मोहन त्रिवेदी]]
*[[मैंने ही क्या किया / ललित मोहन त्रिवेदी]]
*[[घातों में कुछ नहीं मगर हाँ बातों में कुछ तो दम है ! / ललित मोहन त्रिवेदी]]