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*[[भग्न तारों को सजाकर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[और एक दिन निशि के सूनेपन में रूग्ण पिता के / द्वितीय सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[थक कर सोयी थी भारत-भू / द्वादश सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[['प्रभो! इस देश को सत्पथ दिखाओ / त्रयोदश सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
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