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चौपाल

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/* बधाई */
मित्रों और बन्धुओं !
हमारे परिवार में लगातार वृद्धि और विकास हो रहा है । हमारे कविता-कोश की एक सदस्य अचानक मुझे आज सिसओप के रूप में नज़र आईं । मुझे बेहद प्रसन्नता हुई । प्रतिष्ठा जी ने कोश में बड़ा काम किया है । अचानक वे जैसे आकाश से अवतरित हुईं और हम सब से बाज़ी मार ले गईं । मेरी बधाई । आपके आने से, प्रतिष्ठा जी ! यह कोश दिन दूनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़े, यही कामना है ।
 
ललित जी को भी बधाई कि उन्होंने एक और सहयोगी को ढूंढ निकाला । एक और काम के लिए भी बधाई । वह यह कि कविता कोश में लोकगीतों और बालगीतों का संग्रह किया जाने लगा है । लेकिन बालगीतों को बाल कविता क्यों कहा गया है, यह समझ में नहीं आया । ललित जी, वैसे तो ये बालगीत भी नहीं हैं । बस, शिशुगीत हैं । बाल कविता का मतलब होता है-- बच्चों द्वारा लिखी गई कविताएँ । बालगीत का अर्थ है-- बच्चों के लिए गीत । ख़ैर, यह बहस का विषय है । यह संदेश तो मैंने बधाई देने के लिए लिखा है । सो एक बार फिर से बधाई ।
---लीना नियाज
 
 
::बधाई के लिये बहुत धन्यवाद लीना जी। प्रतिष्ठा ने कोश में जितना काम किया है उससे उनका सिसओप बनना तो तय था। आपकी तरह मुझे भी आशा है कि वे कविता कोश को इसी तरह आगे बढ़ाती रहेंगी। जहाँ तक शिशुगीत, बालगीत या बाल कविता की बात है -आपने मार्गदर्शन करके सहायता की है। यह सैक्शन अभी अपने निर्माण के प्रारंभिक चरण में ही है -सो इस तरह की त्रुटियाँ अभी सुधर जाये तो बेहतर है। मैं प्रो. अनिल जनविजय सहित बाकि लोगों से इस बाबत अपने विचार रखने का आग्रह करता हूँ। आप प्रो. जनविजय को तो जानती ही होंगी, लीना जी। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १९:०७, २२ नवम्बर २००७ (UTC)'''