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रोटी और फूल / रमेश कौशिक

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|रचनाकार=रमेश कौशिक
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<poem>'''रोटी और फूल'''

कभी कन्फ्यूशियस ने कहा था-
यदि तुम्हारे पास
पैसे हैं दो
एक से खरीदो-
रोटी
और दूसरे से फूल
रोटी से मिलेगा
जीवन
और जीने की कला
सिखायेगा फूल

लेकिन इतने बाद
आदम का बच्चा
वह बात गया भूल
अब दोनों ही पैसों की लेता बन्दूक
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