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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह = मैं यहाँ हूँ / रमेश कौशिक }} <poem>…
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{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह = मैं यहाँ हूँ / रमेश कौशिक
}}
<poem>
विश्राम
एक पंख सूरज
एक पंख चाँद
बहुत तेज उड़ता है
समय का यान ।
आओ इसके पंखों को काटें
गति दें थाम
हारे-थके जीवन को
करने दें
युग-युग विश्राम।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह = मैं यहाँ हूँ / रमेश कौशिक
}}
<poem>
विश्राम
एक पंख सूरज
एक पंख चाँद
बहुत तेज उड़ता है
समय का यान ।
आओ इसके पंखों को काटें
गति दें थाम
हारे-थके जीवन को
करने दें
युग-युग विश्राम।
</poem>