भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
पत्थरों पर इतिहास पढने वाले
विदेशियों में अपने पुरखे देखने वाले
पुरातात्त्विक धूप सेंकते--
ये शोख शूरवीर सैलानी
बाज नहीं आएंगे अपने अनुभव पकाने से.