भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[कोई पत्थर तो नहीं हूँ कि ख़ुदा हो जाऊँ / श्रद्धा जैन]]
* [[हँस के जीवन काटने का मशवरा देते रहे / श्रद्धा जैन]]
* [[सबको न गले से तुम न यूँ लगाया करो ‘श्रद्धा’ 'श्रद्धा' / श्रद्धा जैन]]
* [[फिर किसी से दिल लगाया जाएगा / श्रद्धा जैन]]
* [[मुझ सा ही दीवाना लगता है आईना / श्रद्धा जैन]]