भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

विदा बेला / गोबिन्द प्रसाद

728 bytes added, 14:11, 4 जुलाई 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=मैं नहीं था लिखते समय }} {{K…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=मैं नहीं था लिखते समय
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>

विदा बेला:
लय में जैसे कोई ठहरा
पत्तियों की नोंक पर
रह गया बस,जहाँ-तहाँ
ढलता हुआ
बिम्ब
दिनकर का सुनहरा

विवर्ण नभ
तिर रहा
मौन में मुखर
सागर के स्वर में
मन्द्र
कर रहे तारक-दल
आलाप,तिमिर छा रहा
साँझ का गहरा
<poem>
681
edits