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मेरा आंगन / ओम पुरोहित कागद का नाम बदलकर मेरा आंगन / ओम पुरोहित ‘कागद’ कर दिया गया है
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |संग्रह=धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित ‘कागद’ }}{{KKCatKavita}}<poemPoem>सड़क
दहलीज पर आ कर चली गई,
दहलीज में अटका रह गया