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परन्तु.... वह शिथिल, निस्पृह ही खड़ा रहा।
'''वह '''पुनः गया, एक नई रचना की खोज में
एक के बाद एक नया रंग बनाता
फिर उसने एक अनुपम रंग चुना
परन्तु.... वह शिथिल, निस्पृह-सा खडा रहा ।
'''उसने '''पराजय न स्वीकारी
रचनाधर्मी था
रचना रूपी गांडीव पुन: उठाया उसने
परन्तु.... फ़िर भी वह शिथिल, निस्पृह-सा खडा रहा ।
'''वह '''यकायक गायब हो गया
उसका कुछ न पता चला
कि वह कहाँ गया, क्या हुआ?