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* [[नैना दीवाने एक नहीं माने / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[मधु माँग ना मेरे मधुर मीत / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[मेरे गीत बडे हरियाले / रेन्द्र नरेन्द्र शर्मा]]* [[ऐसे हैं सुख सपन हमारे/ नरेन्द्र शर्मा]]
मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )
[ स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
ऐसे हैं सुख सपन हमारे
बन बन कर मिट जाते जैसे
बालू के घर नदी किनारे
ऐसे हैं सुख सपन हमारे....
लहरें आतीं, बह बह जातीं
रेखाए बस रह रह जातीं
जाते पल को कौन पुकारे
ऐसे हैं सुख सपन हमारे....
ऐसी इन सपनों की माया
जल पर जैसे चाँद की छाया
चाँद किसी के हाथ न आया
चाहे जितना हाथ पसारे
ऐसे हैं सुख सपन हमारे....
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