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*[[ गँगा, बहती हो क्यूँ / नरेन्द्र शर्मा]]
*[[ माया / नरेन्द्र शर्मा]]
*[[ वर्षा मँगल मंगल /नरेन्द्र शर्मा]]सत रंग चुनर नव रंग राग मधुर मिलन त्यौहार गगन में , मेघ सजल , बिजली में आग .............सत रंग चुनर , नव रंग पाग ! पावस ऋतू नारी , नर सावन ,रस रिम झिम , संगीत सुहावन , सारस के जोड़े , सरवर में , सुनते रहते , बादल राग !सत रंग चुनर , नव रंग राग !उपवन उपवन , कान्त - कामिनी , गगन गुंजाये , मेघ दामिनी ,पत्ती पत्ती पर हरियाली , फूल फूल पर , प्रेम - पराग ! सत रंग चुनर , नव रंग राग .....पवन चलाये , बाण , बूँद के , सहती धरती , आँख मूँद के -बेलों से अठखेली करते , मोर ~ मुकुट , पहने , बन ~ बाग़ !सत रंग चुनर नव रंग पाग !