भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गंगा प्रसाद विमल / परिचय

439 bytes removed, 23:50, 28 अगस्त 2010
<poem>
नाम: गंगा प्रसाद विमल का जन्म उत्तरकाशी, उत्तरप्रदेश में हुआ। पंजाब विश्वविद्यालय से एम.ए., तथा पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। पश्चात् दिल्ली के एक कॉलेज में अध्यापन कार्य किया। सम्प्रति ये केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक हैं। विमल ने हिन्दी साहित्य की बहु आयामी सेवा की है। इनकी रचनाएं अंग्रेजी, रूसी, फ्रांसीसी, पुर्तगाली, जापानी आदि में अनूदित हुई। कविता-संग्रह हैं : 'विजप, 'बोधि-वृक्ष और 'इतना कुछ। ये रायल एशियाटिक सोसायटी के फेलो तथा 'ऑथर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष रहे। इनका उपन्यास 'मृगांतक अत्यंत लोकप्रिय हुआ। इन्हें बिहार एवं उत्तरप्रदेश सरकार के विशेष पुरस्कार प्राप्त हुए।
गंगा प्रसाद विमल (Ganga Prasad Vimal) उम्र: 71 वर्ष
(माताः श्रीमती कला देवीजन्म स्थान: उत्तरकाशी, पिताः स्व. विश्वम्भर दत्त उनियाल) उत्तरांचल
जन्मतिथि शिक्षा: 3 जून 1939पी-एच. डी. पंजाब विश्वविद्यालय
जन्म स्थान अनुभव: उत्तरकाशी उस्मानिया विश्वविद्यालय में 1963 से अध्यापन, हैदराबाद.
पैतृक गाँव संप्रति: टिंगरी जिला : टिहरी गढ़वाल कई समितियों, संस्थाओं के सलाहकार एवं पत्रिकाओं में संपादकीय योगदान.
वैवाहिक स्थिति कविता संग्रह: विवाहित बच्चे : 1 पुत्रविज्जप (1967), बोधि बृक्ष (1983), इतना कुछ (1990), तलिस्मा (काव्य एवं कथा) 1990, सन्नाटे से मुठभेड़ (1994), मैं वहाँ हूँ (1996), अलिखित-अदिखत (2004), कुछ तो है (2006), 1 पुत्री
शिक्षा कहानी संग्रह: टिंगरी में बालपन में अपने चाचा से संस्कृत भाषा की दीक्षा ली। सर्दियों में जब बर्फ पड़ी रहती चार बजे वेद उच्चारण के लिए मिली भत्र्सना के कारण संस्कृत से अरुचि। फिर एक अंग्रेज और स्व. भगवती प्रसाद सकलानी से अक्षर दीक्षा ली। फिर विभिन्न विद्यालयोंकोई शुरुआत (1972), विश्वविद्यालयों अतीत में शिक्षा प्राप्त की। 1960 में पंजाब विश्वविद्यालय से एम.ए. में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर रिकार्ड स्थापित किया। 1964-65 में वहीं से पीएच.डी. की। कुछ (1973), इधर उधर (1980), बाहर न भीतर (1981), चर्चित कहानियाँ (1983), खोई हुई थाती (1994), चर्चित कहानियाँ (1994), समग्र कहानियाँ (2004),
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः अपनी मूर्खताओं उपन्यास: अपने से लड़ते हुए साहित्य की ओर आया। अलग (1969), कहीं कुछ और (1971), मरीचिका (1978), मृगांतक (1978)
प्रमुख उपलब्धियाँ लेख: अभी तक उल्लेखनीय कुछ नहीं। न जाने किस कारण कुछ पुरस्कार मिले। तीन दर्जन के करीब पुस्तकें छपीं। देश अनेकों लेख तमाम पत्रिकाओं में रहकर अनेक विदेशी कृतियों प्रकाशित.  संपादित पुस्तकें: अभिव्यक्ति (1964), अज्ञेय का रचना संसार (1966), मुक्तिबोध का रचना संसार (1966), लावा (1974), आधुनिक हिंदी कहानी (1978), क्रांतिकारी समूहगान (1979), नागरी लिपि की वैज्ञानिकता (नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली), वाक्य विचार (2002).  अंग्रेज़ी अनुवाद किया। अनेक देशों में वहां के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए। देश: हेयर एण्ड देयर एण्ड अदर स्टोरीज़ (1978), मिरेज़ (उपन्यास) 1983, तलिस्माँ (काव्य संग्रह) 1987, हू लीव्स व्हेयर एण्ड अदर पोएम्स (2004).  हिन्दी अनुवाद: गद्य-विदेश के अनेक समकालीन कहानी का रचना विधान (1968), प्रेम चंद (1968), आधुनिक साहित्य सम्मेलनों के संदर्भ में हिस्सेदारी। देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं के संपादक मंडल (1978).  अन्य भाषाओं से अनुवाद: दूरंत यात्रायें (एलिजाबेथ बाग्रयाना) 1978, पितृ भूमिस्च (हृस्तो वोतेव) 1978, दव के सदस्य। बल्गारिया तले ( ईवान वाज़ोव का यावरोव सम्मानउपन्यास) 1978, इटली के कला विश्वविद्यालय प्रसांतक (विसिलिसी वित्सातिस की कविताएँ) 1979, हरा तोता(मिको ताकेयामा का सम्मानउपन्यास) 1979, पोयट्री पीपुल सम्मान जन्म भूमि तथा केरल अन्य कविताएँ (एन. वाप्तसरोव की कविताएँ) 1979, ल्यूबोमीर की कविताएँ (1982), लाचेज़ार एलेनकोव की कविताएँ (1983), उद्गम (कामेन काल्चेव का कुमारन आशान उपन्यास) 1981, बोज़ीदोर बोझिलोव की कविताएँ (1984), स्टोरी ऑफ़ योदान योवज्कोव (1984), पोएम्स ऑफ़ योदान मिलेव (1995), तमामरात आग (1996), मार्ग (पोएम्स ऑफ़ जर्मन दूगन ब्रूड्स)2004.  सम्मान एवं पुरस्कार: तमाम राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से अलंकृत। 25 वर्ष दिल्ली कालेज में अध्यापनसम्मानित.  संपर्क: 112, फिर साढ़े आठ वर्ष केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक और अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर।साउथ पार्क अपार्टमेंट, नई दिल्ली - 110019
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits