भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ग़ज़ल / मुकेश मानस

700 bytes added, 12:24, 7 सितम्बर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>

इस उलझन का नहीं किनारा
उलझ गया है जीवन सारा

प्यास तुम्हारी नहीं बुझेगी
है सागर का पानी खारा

जिस पत्थर को चाहे उठालो
हर पत्थर हालात का मारा

किसको ढूँढ रहे जंगल में
यहाँ नहीं कोई तुम्हारा
2005

<poem>
681
edits