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देखा हुआ सा कुछ है
:तो सोचा हुआ सा कुछ
हर वक़्त मेरे साथ है
:उलझा हुआ सा कुछ
साहिल की गीली रेत पर :बच्चों के खेल-सा हर लम्हा मुझ में बनता:बिखरता हुआ सा कुछ फ़ुर्सत ने आज घर को सजाया :कुछ इस तरह हर शय से मुस्कुराता है :रोता हुआ सा कुछ धुँधली-सी एक याद किसी :क़ब्र का दिया और! मेरे आस-पास :चमकता हुआ सा कुछ कभी-कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है<br>
जिन बातों को खुद नहीं समझे, औरों को समझाया है
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