भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
*[[बिखर चुका है मगर ज़िंदगी की चाह में है / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[झूठ है,छल है,कपट है,जंग है,तकरार है / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[मैं तेरा अक्स हूँ तुझसे कभी जुदा ही नहीं / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[ / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
</sort>