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Kavita Kosh से
*[[तुझको खोकर क्यों ये लगता है / शहरयार]]
*[[चाहता कुछ हूँ मगर लब पे दुआ / शहरयार]]
*[[हुआ ये क्या कि ख़ामोशी भी गुनगुनाने लगी / शहरयार]]
*[[अब वक़्त जो आने वाला है किस तरह गुज़रने वाला है / शहरयार]]