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Kavita Kosh से
* [[छेड़ने का तो मज़ा तब है कहो और सुनो / इंशा अल्लाह खां]]
* [[यह जो महंत बैठे हैं / इंशा अल्लाह खां]]
* [[फुटकर शेर / इंशा अल्लाह खां]]