भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सड़क-तीन / ओम पुरोहित ‘कागद’

789 bytes added, 15:49, 27 सितम्बर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |संग्रह=आदमी नहीं है / ओम पुरो…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|संग्रह=आदमी नहीं है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
रेत नहीं चाहती
पगडंडियों को खोना
बिफर जाती है
गांव की ओर बढ़ती
सड़क पर
और
हांय-हांय करती
बिछ जाती है
उलट कर
सड़क पर
क्योंकि, वह जानती है
सड़क ले जाएगी
ढो कर गांव से
अथाह मुहब्बत
और
कर देगी कत्ल
किसी शहरी चौराहे पर।
</poem>
37
edits