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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर म…
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{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
हम डरते हैं जिस समन्दर से
मछलियां
उसी से इश्क करती हैं
मछलियां
कितनी छोटी सामने उसके
यहां तक कि विशालकाय व्हेल भी
इश्क की कोई सीमा नहीं
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|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
हम डरते हैं जिस समन्दर से
मछलियां
उसी से इश्क करती हैं
मछलियां
कितनी छोटी सामने उसके
यहां तक कि विशालकाय व्हेल भी
इश्क की कोई सीमा नहीं