भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चर्मकार / लीलाधर मंडलोई

567 bytes added, 08:23, 29 सितम्बर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्‍ख / लीलाधर म…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्‍ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>

भेड़ की खाल की
सुगन्‍ध के बारे में
जानता है कर्मकार
मदमस्‍त हो उठता है उसमें

भेड़ का कोट पहनने वाले
उस सुगन्‍ध का पता
खोजते रहते हैं जीवन भर
778
edits