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|रचनाकार=निदा फ़ाज़ली
|संग्रह=खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
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<poem>
जीवन भर भटका किए, खुली न मन की गाँठ
उसका रस्ता छोड़कर, देखी उसकी बाट