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- 21:06, 7 मई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+598) . . नछो वार्ता:सारी बस्ती कदमों मे है ये भी इक फनकारी है / राहत इन्दौरी (नया पृष्ठ: इश्क ने गूँथे थे जो गजरे नुकीले हो गए तेरे हाथोँ मेँ तो ये कंगन भी …) (मौजूदा)
- 09:16, 29 अप्रैल 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+106) . . न रफ़ीक शादानी (नया पृष्ठ: रफीक सादानी अवधी भाषा के बेहतरीन कवि हैँ)