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वृषभानु-दुलारी जय राधे / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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वृषभानु-दुलारी जय राधे। श्री कीर्ति-कुमारी जय राधे॥

ललिता-सखि-प्यारी जय राधे। सर्वोम नारी जय राधे॥
श्रीमाधव-भामिनि जय राधे। निष्कामा कामिनि जय राधे॥
पद गज-गति-गामिनि जय राधे। पावन रस-धामिनि जय राधे॥

मृदु-‌ईषत्‌‌-हासिनि जय राधे। नवकुंज-निवासिनि जय राधे॥

शुचि प्रेम-प्रकाशिनि जय राधे। रति दिय-विकासिनि जय राधे॥
प्रिय-हृदय-विहारिणि जय राधे। मोहन-मन-हारिणि जय राधे॥
प्रिय-ताप-निवारिणि जय राधे। प्रिय-सुख-विस्तारिणि जय राधे॥

नित शुद्धाचारिणि जय राधे। प्रियतम उरधारिणि जय राधे॥

प्रिय-पद-‌अनुरागिणि जय राधे। सब बिधि बड़भागिनि जय राधे॥
निज भोग-बिरागिनि जय राधे। प्रिय-भोग-सुरागिनि जय राधे॥
नित मंगल-वादिनि जय राधे। शुचि रस-‌आस्वादिनि जय राधे॥

वैराग्य-स्वरूप जय राधे। विज्ञान अनूपा जय राधे॥

प्रिय-मोहन-रूप जय राधे। सेवित सुर-भूपा जय राधे॥
अभिमान-विहीना जय राधे। प्रिय- सेवा-लीना जय राधे॥
शुचि सद्‌‌गुण पीना जय राधे। सब दोष-विहीना जय राधे॥

चतुरा, अति भोली जय राधे। मृदु मीठी बोली जय राधे॥

शुचिता की झोली जय राधे। पावन रस-घोली जय राधे॥
प्रियतम-गल-हारा जय राधे। गुण रूप अपारा जय राधे॥
ब्रज-चन्द-चकोरी जय राधे। प्रिय-बन्धन-डोरी जय राधे॥

प्रियतम-सुख-सुखिया जय राधे। कान्ता-गण-मुखिया जय राधे॥

सुन्दर सुकुमारी जय राधे। प्रिय-हिय-‌उजियारी जय राधे॥
लीला-रस-सरिता जय राधे। प्रिय-मन सुख-भरिता जय राधे॥
आनन्द-सुधा-निधि जय राधे। माधुर्य-महोदधि जय राधे॥

प्रिय-विरह- कातरा जय राधे। प्रिय-मिलन-‌आतुरा जय राधे॥

प्रिय-मिलनमयी नित जय राधे। नित संग अबाधित जय राधे॥
वर्धन रति-बेली जय राधे। नित नयी नवेली जय राधे॥
रसमयि रासेश्वरि जय राधे। माधव-हृदयेश्वरि जय राधे॥

नित कृष्णाकर्षिणि जय राधे। रस-सुधा-सुवर्षिणि जय राधे॥

नित प्रिय-‌अनुकूला जय राधे। प्रिय-जीवन-मूला जय राधे॥
हिय सद्‌‌गुण छाये जय राधे। नित श्याम लुभाये जय राधे॥
त्रिभुवन-जन-पावनि जय राधे। शुचि प्रेम-सिखावनि जय राधे॥

जग-मंगल-कारिणि जय राधे। अघ-मूल-विदारिणि जय राधे॥