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शिशिर / शिरीष कुमार मौर्य

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शिशिर में
बूढ़े और बीमार पक्षी मर जाते हैं
नई कोंपलें
झुलस जाती हैं पाले से

शिशिर में
शुरुआत और अख़ीर दोनों को
सँभालना होता है

शिशिर की क्रूरता
ग्रीष्म में बेहतर समझी और समझाई
जा सकती है

इसे इस तरह समझिए कि
जब किसी भी तरह
घर नहीं बना पातीं अपने उत्तरजीवन के
ससुराली शिविर को
चैत में

विकट कलपते हृदय से
स्त्रियाँ गाती हैं
मायके के शिशिर को