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सरकती प्यार की चुनरी / ज्योति खरे

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बाँध कर पास रखना
तुम्हारा काम है
मैं पंछी हूँ
उड़ जाऊँगा
तुम अकेले ताकते रहना
अपनों से में
जुड़ जाऊँगा..............

साथ रहते अगर
प्यार में उड़ना सिखाता
स्वर्ग के साये में
आसमान का अर्थ बताता
तुम नहीं तो क्या करूँ
मैं अकेला
फड़फड़ाऊँगा

बैठकर आँगन में जब
चावल चुनोगी
सरकती प्यार की चुनरी
स्मृतियों के साथ रखोगी
चहकोगी चिड़िया बनकर
मैं भटकता
घर तुम्हारे
मुड़ आऊँगा